बचपन में ही अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो देने के बाद भी हिम्मत ना हारने वाली नंदिनी अब अपने जीवन साथी के साथ मिलकर अपने अधूरे सपनों को पूरा करेगी । अमर उजाला में एक खबर 26 अप्रैल को गंगा किनारे रहने वाली नंदिनी के गले में सरस्वती का वास शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद, खबर सोशल मीडिया पर इतनी शेयर हुई कि राजस्थान के जालौर निवासी बचन चौहान तक पहुंच गई । राजस्थान के बचन चौहान ने भीमगोड़ा स्थित गंगा किनारे मां मुनिया के साथ झोपड़ी में रहने वाली दृष्टिबाधित 19 वर्षीय नंदिनी को जीवन साथी बनाने का निर्णय लिया ।
बताना चाहेगें की आठ साल की उम्र में नंदिनी की आंखों की रोशनी चली गई थी और नंदिनी की मां हर-की-पौड़ी, हरिद्वार गंगा घाटों पर प्लास्टिक की केन, फूल-माला आदि बेचकर अपना व बेटी का पालन पोषण करती है । नंदिनी ने कक्षा 12 तक की पढ़ाई सीएनआई गर्ल्स कॉलेज से पूरी की है । नंदिनी को पेंटिंग और गायकी का शौक है । आंखों की रोशनी जाने के बाद भी नंदिनी ने कभी भी हार नहीं मानी ।
बचन चौहान ने नंदिनी को जीवन संगिनी बनाने का फैसला लेने के बाद, मई माह में अपने परिजनों के साथ नंदिनी की मां से मिलने हरिद्वार आये । और उनसे मिलकर बचन चौहान ने नंदिनी से शादी करने की इच्छा जाहिर की । उन्होंने बताया कि मैं गुजरात की एक कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं । जिस पर नंदिनी की मां राजी हो गई और 19 जून को धूमधाम से अपने – अपने रीति रिवाजों के हिसाब से भीमगोड़ा में नंदिनी और बचन चौहान ने सात जन्मों के बंधन में बंध गए ।
बचन चौहान का कहना है कि वह नंदिनी के हौसले से बहुत ही प्रभावित है । और राजस्थान पहुंचने के बाद वह नंदिनी को आगे पढ़ाएंगे ।उनका यह भी कहना है कि नंदिनी के गायकी का शौक पूरा कराने के लिए वह खुद कोई बड़ा मंच भी तलाश करेगें । ताकि नंदिनी की मधुर आवाज ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच आ सके और उसको एक बड़ा प्लेटफार्म मिल सके ।