श्री कृष्ण लीलाओं के गुणगान एवं पुनीत स्मरण से भगवत प्रेम, भगवत शक्ति उत्पन्न होती है – आचार्य डॉ० पं० आनंद बल्लभ जोशी जी महाराज

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कनखल, हरिद्वार के वैश्य कुमार सभा भवन में प्रेमचंद गुप्ता एवं कौटुम्बिक सदस्य, कनखल, हरिद्वार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार को कथावाचक आचार्य डॉ० पं० आनंद बल्लभ जोशी जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी जीवन लीला में आसुरी प्रवृत्तियों में पूतना, वत्सासुर, अघासूर आदि से लेकर कंस, जरासंध आदि को नष्ट किया । वही दैवीया प्रवृत्तियों ऐसा ब्रह्मा, इंद्र, अग्नि आदि से उत्पन्न प्रभाव को भी निर्मल कर दिया ।अतः हमें इन सभी प्रवृत्तियों से ऊपर उठकर गृहस्थोचित करते हुए साधना मार्ग में आगे रहना चाहिए।

श्री कृष्ण लीलाओं के गुणगान एवं पुनीत स्मरण से भगवत प्रेम, भगवत शक्ति उत्पन्न होती है । हमारे पुराणिक धर्म ग्रंथों में वर्णित ऋतु वर्णन भी हमें शिक्षित करता है कि किसी भी सम विषम परिस्थितियों में विचलित न होकर, प्रभु स्मरण करते रहना चाहिए, यही कल्याणकारी पथ है।

चीरहरण एवं एवं महाराज प्रसंग पर परमहंस परम वीतरागी श्री शुकदेव जी द्वारा वर्णित रास एवं चीरहरण जीव एवं ईश्वर के मध्य संबंधों की अभिव्यक्ति है । जहाँ चीरहरण में प्रभु सामाजिक गरिमा का पाठ पढ़ाते हैं वही रास में प्रभु काम विजय से ऊपर जीव को आप्तकाम करते हैं ।

भागवत कथा में उपस्थित सुप्रसिद्ध गीतकार रमेश रमन ने अपने कंठ से निस्सरित गीत राधा रानी को समर्पित किया । जो जन जन को भाव विभोर कर गया । हरिद्वार के पूर्व जिलाअधिकारी एवं सचिव (वर्तमान) उत्तराखंड शासन श्री एस० सी० सेमवाल ने अपने आधिकारिक सहयोगियों के साथ 2 घंटे तक कथा श्रवण कर संदेश दिया कि व्यस्त से व्यस्ततम समय में से भी हमें प्रभु चिंतन हेतु समय निकालना ही चाहिए ।

Famous Poet and Lyricist Ramesh Raman ji at Bhagwat Katha of Acharya Pt. Dr. Anand Ballabh Joshi ji Maharaj

 

Famous Poet and Lyricist Ramesh Raman ji at Bhagwat Katha of Acharya Pt. Dr. Anand Ballabh Joshi ji Maharaj

 

Shri S. C. Semwal, Ex. DM Haridwar & Secretary, Uttarakhand Govt (Presently)

पूर्व नगर निगम अध्यक्ष श्री कमल जोरा कथावार्ता में उपस्थित होकर भाव विभोर हो आरती में नर्तन ही करने लगे । राष्ट्रीय क्रिकेट नायक, समाजिक, व्यावहारिक व्यक्तित्व श्री प्रकाश जोशी भी कथा में चिंतनशील मुद्रा में आसीन रहें । नगर के अनगनित श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन उपस्थित होकर पुण्य लाभ अर्जन किया ।

 

Family Members of Bhagwat Katha Organizer’s & Chief Guest During Aarti

 

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