उत्तराखंड : हरिद्वार कुंभ-2021 में कोविड की नकली जांच रिपोर्ट, पहला मुकदमा दर्ज, सरकार दिये जांच के आदेश

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार कुंभ मेले (2021) के दौरान कोविड के प्रसार को नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार को 50,000 कोविड टेस्ट प्रतिदिन कराने को कहा था । जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने मैक्स कारपोरेट सर्विस को ठेका दिया जिसने कुछ निजी लैबों को इसका जिम्मेदारी दी थी और आरोप है कि इन्होंने कोविड टेस्ट रिपोर्टे ही फर्जी निगेटिव जारी कर दी ।

हरिद्वार कुंभ मेले (2021) के नाम पर पहला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर बहुत बड़ी धांधलेबाजी नजर आयी है । इस फर्जीवाड़े में दो प्राइवेट लैब्स पर हजारों की संख्या में फर्जी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को नेगेटिव बनाने का आरोप है । इस आरोप के आधार पर बृहस्पतिवार को हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया । घोटाले का खुलासा तब हुआ जब पंजाब के एक युवक को उसके फोन पर मैसेज आया कि उसकी कोविड टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव है। मैसेज देख भौचक्के युवक ने आईसीएमआर (ICMR) में शिकायत की, क्यूंकि उस युवक ने न तो कोई जांच कराई थी और न ही वो युवक हरिद्वार कुंभ में आया था ।

आईसीएमआर ने शिकायत पर एक्शन लेते हुए देहरादून के अधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद यह घोटाला सामने आया । कुंभ मेला के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से 22 लैबोरेटरी के साथ कोविड टेस्ट को लेकर अनुबंध किया गया था । इसी में से एक मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के नाम से फर्म है, जिसमें दो लैब डॉ. लालचंदानी लैब और नलवा लैबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोविड टेस्ट में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है।

बृहस्पतिवार को सीएमओ डॉ. शंभु झा की ओर से मैक्स कॉरपोरेट फर्म के विरुद्ध हरिद्वार नगर कोतवाली में तहरीर दी । जिसके आधार पर हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है । एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अवुडई कृष्णा राज एस ने बताया कि तहरीर के आधार आरोपी कंपनी और दोनों लैबों पर महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा तथा भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी तथा 420 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है ।

एक कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से पत्रकारों द्वारा इस विषय पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि हरिद्वार कुंभ फर्जी कोविड टेस्ट घोटाला उनके कार्यकाल का नहीं है । यह घोटाला पुराना है उन्होंने मार्च में पद संभाला था जबकि कोविड जांच के लिए निजी फर्मों की सेवाएं लेने का निर्णय उनके पद संभालने से पहले लिया गया था । हांलांकि, उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और घोटाले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

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