उत्तराखंड : हरिद्वार की सबसे बड़ी डैकती का खुलासा, वेब सीरिज से लिया था अनुभव, ताऊ गैंग का निकला सरगना सतीश चौधरी

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मोरा तारा ज्वेलर्स शोरूम, हरिद्वार में हथियारों के दम पर दिन में दो करोड़ की डकैती हुई जिसमें बीते गुरुवार को हथियारबंद छह बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था। बदमाशों ने शोरूम मालिक निपुण गुप्ता व उनकी पत्नी सहित पूरे स्टाफ को हथियारों के बल पर बंधक बनाया। डकैत सोना-चांदी व हीरे के जेवरात और नकदी समेटकर फरार हो गए थे।

इस मामले में मंगलवार को बहुत बड़ी सफलता पुलिस के हाथ लगी। पुलिस व एसओजी ने डकैती के मास्टरमाइंड व ताऊ गैंग के सतीश चौधरी समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया । ताऊ गैंग के सरगना इंद्रपाल चौधरी के जेल जाने के बाद सतीश ही मुखिया बन गया था। सतीश चौधरी का नाम गैंग के कुछ खास लोग ही जानते थे। बताया जा रहा है कि सतीश चौधरी पर हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 11 मुकदमे दर्ज हैं । इन दोनों राज्यों की पुलिस को सतीश चौधरी की तलाश थी ।

घटना का खुलासा पुलिस प्रवक्ता अमित सिन्हा, सह प्रवक्ता डीआईजी निलेश आनंद भरणे और डीआईजी रेंज नीरू गर्ग ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस में किया। बताया की ताऊ गैंग का वर्तमान सरगना सतीश चौधरी मनी हाइस्ट नामक स्पेनिश वेब सीरिज से प्रेरित होकर उसकी तर्ज पर घटना को अंजाम दिया करता था । वह इस वेब सीरीज से इतना प्रेरित हुआ था कि उसने 2-3 सालों से अपनी डकैतियों का तरीका बिल्कुल ही बदल लिया था । ठीक इस वेब सीरीज के आधार पर वह घटना को अंजाम दिया करता था और किसी के हत्थें नहीं चढ़ पता । लेकिन, इस बार उत्तराखंड पुलिस के हरिद्वार, एसटीएफ और रेंज स्तर पर गठित की गई टीमों ने सतीश को अपनी गिरफ़त में ले लिया । 

बताया गया कि सतीश चौधरी प्लान के मुताबिक सभी घटनाओं को अपने साथियों के साथ अंजाम देता था, लेकिन वह और उसके साथी कभी लोगों को सामने नहीं आते थे। वह अकेले ही दुकानों की रेकी करता था। इसके लिए अपनी टीम में सदस्यों का चुनाव भी वह अपने आप ही करता था और माल लूटने के बाद उसको बेचने के लिए ठिकाने भी वह अपने आप ही खोजा करता था। बताया जा रहा है कि सतीश के गैंग के पास हथियार तो हुआ करते थे, लेकिन किसी लूट में उन्होंने बहुत बड़ा नुकसान कभी किसी व्यक्ति विशेष को नहीं पहुंचाया।

पूछताछ में सतीश ने बताया कि उसने डेढ़ साल पहले तारा मोरा और एक अन्य ज्वेलर की दुकान की रेकी की थी। उस वक्त दोनों दुकानों के बाहरी शीशे पर काली फिल्म से चढ़ी हुई थी, जिसमें बाहर से अंदर कोई नहीं देख सकता, वह हमेशा अपनी डकैती के लिए ऐसी ही दुकानों को अपना निशाना बनाया करता था । उसकी रेकी से अब तक, दूसरे ज्वेलर ने तो अपनी दुकान से यह ग्लास की फिल्म उतार ली थी । लेकिन, तारा मोरा के यहां अब भी वही फिल्म ग्लास पर चढ़ी थी । ऐसे में उसने अपने काम को अंजाम देना का प्लान बना डाला और उसकी योजना काम कर गई । यदि तारा मोरा भी दूसरे दुकानदार की तरह ग्लास से फिल्म उतरवा लेते तो उनके यहां घटना ना होती । 

पुलिस के अनुसार अब तक इसमें रिकवरी भी लगभग पूरी की जा चुकी है। हरिद्वार पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ भी अन्य पहलुओं पर इसकी पड़ताल कर रही है। साथ ही जहां तक लूटे गए माल की बरामदी के प्रयास किए जा रहे हैं। -आईजी अमित सिन्हा, प्रवक्ता, उत्तराखंड पुलिस

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