उत्तराखंड : एक्सपर्ट्स का कहना तीसरी लहर का कारण बन सकती है कावंड यात्रा

Share The News

उत्तराखंड में 26 जुलाई से प्रस्तावित को रद्द करने की मांग की जा रही है । कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद शुरू होने जा रही यात्रा से पहले एक्सपर्ट्स ने कहा है कि अगर यात्रा आयोजित होगी तो इससे कोरोना संक्रमण के व्यापक पैमाने पर बढ़ने की संभावना बनेगी । एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा सुपरस्प्रेडर इवेंट के रूप में कुंभ मेले से पांच गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है ।

कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए तमाम संगठनों ने अब यह मांग की है कि कांवड़ यात्रा को फिलहाल रद्द कर दिया जाए । हर साल लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेकर उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में आते हैं । बीते दिनों कुंभ के कारण उत्तराखंड के तमाम इलाकों में कोविड के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ था । इसके कारण कई लोगों की जान भी गई थी । ऐसे में अब कांवड़ यात्रा में होने वाली भारी भीड़ और कोरोना प्रोटोकॉल के पालन ना होने की संभावना को देखते हुए लोगों ने कहा है कि इस बार भी यात्रा को रद्द करना चाहिए । एसओपी को लागू कराना असंभवराज्य में कोरोना की स्थिति पर बारिकी से नजर रखने वाले सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज़ फाउंडेशन के अनूप नौटियाल का कहना है कि भले ही कोविड व्यवहार के बारे में मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) लागू की जाती हैं और कांवड़ यात्रा की अनुमति दी जाती है लेकिन एसओपी को लागू करना असंभव होगा । उन्होंने कहा, हमने देखा है कि कुंभ में और हाल ही में जब लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई और पर्यटक हिल स्टेशनों पर उमड़ पड़े । उत्तराखंड में डेल्टा प्लस वैरिएंट दे चुका है दस्तकनौटियाल ने कहा कि कांवड़ यात्रा कुंभ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होगी । 30 दिनों के कुंभ के दौरान आए 70 लाख की तुलना में कांवड़ यात्रा में एक पखवाड़े में लगभग 3 से 4 करोड़ तीर्थयात्री हरिद्वार आएंगे । कांवड़ यात्रा के बाद फैले संक्रमण को राज्य संभाल नहीं पाएगा । इसलिए कोविड -19 की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए ।

राज्य की सबसे बड़ी कोविड फैसिलिटी, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपिरिटेंडेंट और कोविड केयर सेंटर कोऑर्डिनेटर डॉ एनएस खत्री ने कहा, ‘एक आदर्श स्थिति में इससे ( कांवड़ यात्रा) से बचना चाहिए क्योंकि उत्तराखंड ने अपना पहला डेल्टा-प्लस मामला पहले ही दर्ज कर लिया है । पड़ोसी राज्यों से बातचीत के बाद होगा फैसलाचार धाम और कांवड़ यात्रा को लेकर अभी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा पर फैसला पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से बातचीत के बाद लिया जाएगा क्योंकि ज्यादातर कांवड़ इन्हीं राज्यों से आती हैं । वहीं, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चार धाम यात्रा पर रोक लगा रखी है । हालांकि, राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है ।

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!