हरिद्वार : शक्ति – विश्वास, सम्बंध और समर्पण से बढ़ती है और यह तीनों प्रभु के नाम कीर्तन से बढ़ते हैं। – आचार्य डॉ० जोशी

Share The News

कनखल, हरिद्वार के वैश्य कुमार सभा भवन में प्रेमचंद गुप्ता एवं कौटुम्बिक सदस्य, कनखल, हरिद्वार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को कथावाचक आचार्य डॉ० पं० आनंद बल्लभ जोशी ने कहा कि – शक्ति – विश्वास, सम्बंध और समर्पण से बढ़ती है और यह तीनों प्रभु के नाम कीर्तन से बढ़ते हैं। बिना भावना के भी प्रभु कीर्तन, चिंतन करते रहना चाहिए। कीर्तन करने से भाव भी आएगा । कई बार क्रिया के बाद भाव आता है ।

दूसरे दिन की कथा का पुरुषार्थ चतुष्टय के साथ जोड़ते हुए कथावाचक आचार्य डॉ० जोशी ने कहा कि कपिल देवहूती प्रसंग धर्म से जुड़ा है, जबकि ध्रुव चरित्र प्रथमतः राज्याकांक्षा महतइच्छा से जुड़ा है। पुरुजंन कथा का सम्बंध काम लिप्तता से है जबकि ऋषभदेव जी का पुण्य स्मरण मोक्ष साधना का आधार है।

मातृ सदन अधिष्ठता रसायन विद स्वामी शिवानंद महाराज ने सभी उपस्थित जनों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि डॉ० आनंद बल्लभ जोशी से निस्सरित भागवत धर्म, संस्कृति, व्यवहार एवं विज्ञान का अनुभव, अभिनव एवं वर्तमान समय में आवश्यकता भी है।

कथावाचक आचार्य डॉ० जोशी ने दूसरे दिन कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, प्रियव्रत चरित, ऋषभावतार आदि विशेष प्रसंग रखें । कथा के दूसरे दिन कथा आयोजक श्री प्रेमचन्द गुप्ता, आचार्य मधूसूदन जी, जानकी आश्रम हरिद्वार से सावित्री माता जी, रूद्रप्रयाग से पं. श्रीधर सेमवाल जी, श्री अवधेश कृष्ण गोस्वामी जी आदि लोगो के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु की उपस्थिति रही ।

कथावाचक आचार्य डॉ० जोशी जी आज (12 नवंबर) को जड़भरत कथा, भूगोल खगोल वर्णन, नरक वर्णन, अजामिल प्रसंग, वत्रासुर वध, मरुत गुणों का जन्म, हिरण्यकशिपु कथा, प्रहलाद चरित आदि विशेष प्रसंगों का व्याख्यान करेगें ।

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!