कनखल, हरिद्वार के वैश्य कुमार सभा भवन में प्रेमचंद गुप्ता एवं कौटुम्बिक सदस्य, कनखल, हरिद्वार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन बृहस्पतिवार को कथावाचक डॉ० पं० आनंद बल्लभ जोशी ने कहा कि कलयुग में भगवान को प्राप्त करने का एकमात्र साधन श्रीमद्भागवत कथा है । उन्होंने कहा कि भगवान के तीन रूप हैं । पहला रूप सत्य है और भगवान सत्य रूप में ही हैं । सत्य वही है जो सर्वदा एक समान रहता है । भगवान का दूसरा रूप चैतन्य है और तीसरा रूप आनंद स्वरूप है । भगवान का भजन हमेशा आनंद मय रहता है । संसार के हर आनंद का कभी ना कभी अंत होता है । भगवान का काम संसार की सृष्टि की रचना करना और दूसरा जिसका जन्म हुआ, का पालन करना और तीसरा कार्य सृष्टि का विनाश करना है । उन्होंने कहा कि जिसने जैसा कर्म किया है, उसे उसका फल जरूर मिलता है । जीवन को भक्ति के मार्ग में लगाएं तो जीवन आनंदमय होगा । कलयुग में लोगों के पास समय की कमी है । सतयुग में सभी भगवान की प्राप्ती के लिए यज्ञ करते थे, परंतु अब समय की कमी के कारण लोग यज्ञ नहीं कर रहे हैं ।
कलयुग में भगवान की प्राप्ति का एक मात्र साधन श्रीमद् भागवत है । भागवत कथा के प्रभाव से काल भी भाग जाता है । भगवान की कथा अमृत से भी ज्यादा लाभप्रद है । भागवान की कथा से जीवन को मुक्ति मिलती है और अमृत से जीवन को अमरत्व प्राप्त होता है । संसार में हर जीव के पास कष्ट है । संसार में सुख का होना जीवन का सफल होना नहीं है । जीवन सफल तभी होगा जब जीवन को मुक्ति मिलेगी । उन्होंने कहा कि साधु और गुरू वैसा होना चाहिए जिसके दर्शन मात्र से जीवन की सारी समस्याएं समाप्त हो जाए । जीवन में जब भी समय मिले भक्ति भाव से भगवान नाम का संकीर्तन करें । जीवन को मोक्ष की प्राप्ति होगी ।
कथावाचक परम् पूज्य जोशी जी के आज के विशेष प्रसंग श्री मद् भागवत महात्म्य, षुकदेवजी परीक्षित जन्म प्रसंग, ब्रह्मा की उत्पत्ति, चतुः श्लोकी भागवत, हिरण्याक्ष वध, कर्दम देवहूति विवाह, कपिलावतार रहे, जिसका वैश्य कुमार सभा भवन,कनखल, हरिद्वार में उमड़ी भक्त जनों की भीड़ ने आनंद लिया ।
मौके पर डा.पद्म प्रसाद सुवेदी, डा.अभिषेक भारद्वाज, श्री प्रेमचन्द गुप्ता, श्री प्रकाश जोशी उपस्थित समेत सैकड़ों पुरुष और महिला श्रद्धालु उपस्थित रहे । कथावाचक परम् पूज्य जोशी जी 11 नवंबर को कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, प्रियव्रत चरित, ऋषभावतार पर कथा वाचन करेंगे ।