पर्यावरण के रक्षक, चिपको आंदोलन के जन्मदाता सुंदरलाल बहुगुणा, पिछले कई दिनों से Covid-19 से संक्रमित होने के बाद 8 मई को ऋषिकेश के एम्स में भर्ती हुए थे । आज दिनांक 21 मई को उत्तराखंड के सुप्रसिद पर्यावरणविद्, 93 वर्षीय सुंदरलाल जी ने अपनी अंतिम सासें ली ।
चिपको आन्दोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी सन 1927 को देवों की भूमि उत्तराखंड के ‘मरोडा नामक स्थान पर हुआ था। पद्मविभूसण तथा कई अन्य पुरस्कारों से बहुगुणा जी को सम्मानित किया गया था । पर्यावरण के संरक्षक, महात्मा गाँधी के अनुयायी बहुगुणा जी ने पर्यावरण हेतु कईं आंदोलनों, जागरूक अभियान व पद यात्राएं की । जिसमें चिपको आंदोलन, टिहरी बांध का विरोध और उत्तराखंड में पर्यटन के लिए होटलों पर होटलों का निर्माण मुख्य थे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बहुगुणा जी के निधन पर दुःख जताया । और ट्वीट किया “श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार को प्रकट किया । उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा । मेरे विचार उनके परिवार और कई प्रशंसकों के साथ हैं – ॐ शांति “
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ अन्य कई नेताओं और अभिनेताओं ने भी बहुगुणा जी के निधन पर अपना शोक जताया।