ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जो महीने महीने की वेटिंग लिस्ट हुआ करती थी उससे अब देशभर को निजात मिलने वाली हैं । एक जुलाई से देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम लागू होने जा रहे हैं। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO ऑफिस की लंबी-लंबी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार नहीं करना होगा क्यूँकि वहां जाकर टेस्ट देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी ।
सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी नए नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसने किसी भी सरकारी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से टेस्ट पास किया है, उसे लाइसेंस के लिए आवेदन करते वक्त RTO में होने वाले ड्राइविंग टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं होगी । उसका ड्राइविंग लाइसेंस प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के सर्टिफिकेट के आधार पर ही बना दिया जाएगा । ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स को राज्य परिवहन प्राधिकरण की ओर से या फिर केंद्र सरकार की तरफ से मान्यता दी गई हो। इन प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता पांच साल के लिए होगी, इसके बाद उन्हें सरकार से अपनी ली गयी मान्यता का रिन्यूअल करवाना होगा ।
RTO प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई के मुताबिक, दून में कई संस्थानों को प्रशिक्षण के लिए मान्यता मिली हुई है । हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि वह नए नियमों के हिसाब से कितना सही काम कर पाते हैं । दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के केंद्र के पास कम से कम एक एकड़ और मध्यम व भारी वाहनों या ट्रेलरों के केंद्र के पास कम से कम दो एकड़ जमीन होनी चाहिए । ट्रेनर को कम से कम 12वीं पास होना और पांच साल का अनुभव जरूरी है ।